فَقُلْنَا يٰٓاٰدَمُ اِنَّ هٰذَا عَدُوٌّ لَّكَ وَلِزَوْجِكَ فَلَا يُخْرِجَنَّكُمَا مِنَ الْجَنَّةِ فَتَشْقٰى ( طه: ١١٧ )
Then We said
فَقُلْنَا
तो कहा हमने
"O Adam!
يَٰٓـَٔادَمُ
ऐ आदम
Indeed
إِنَّ
बेशक
this
هَٰذَا
ये
(is) an enemy
عَدُوٌّ
दुश्मन है
to you
لَّكَ
तुम्हारा
and to your wife
وَلِزَوْجِكَ
और तुम्हारी बीवी का
So not
فَلَا
पस ना
(let) him drive you both
يُخْرِجَنَّكُمَا
वो हरगिज़ निकलवाए तुम दोनों को
from
مِنَ
जन्नत से
Paradise
ٱلْجَنَّةِ
जन्नत से
so (that) you would suffer
فَتَشْقَىٰٓ
वरना तुम मुसीबत में पड़ जाओगे
Faqulna ya adamu inna hatha 'aduwwun laka walizawjika fala yukhrijannakuma mina aljannati fatashqa (Ṭāʾ Hāʾ 20:117)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
इसपर हमने कहा, 'ऐ आदम! निश्चय ही यह तुम्हारा और तुम्हारी पत्नी का शत्रु है। ऐसा न हो कि तुम दोनों को जन्नत से निकलवा दे और तुम तकलीफ़ में पड़ जाओ
English Sahih:
So We said, "O Adam, indeed this is an enemy to you and to your wife. Then let him not remove you from Paradise so you would suffer. ([20] Taha : 117)