كُلُّ نَفْسٍ ذَاۤىِٕقَةُ الْمَوْتِۗ وَنَبْلُوْكُمْ بِالشَّرِّ وَالْخَيْرِ فِتْنَةً ۗوَاِلَيْنَا تُرْجَعُوْنَ ( الأنبياء: ٣٥ )
Every
كُلُّ
हर नफ़्स
soul
نَفْسٍ
हर नफ़्स
(will) taste
ذَآئِقَةُ
चखने वाला है
[the] death
ٱلْمَوْتِۗ
मौत को
And We test you
وَنَبْلُوكُم
और हम मुब्तिला करते हैं तुम्हें
with [the] bad
بِٱلشَّرِّ
साथ बुराई
and [the] good
وَٱلْخَيْرِ
और भलाई के
(as) a trial;
فِتْنَةًۖ
आज़माने के लिए
and to Us
وَإِلَيْنَا
और हमारी ही तरफ़
you will be returned
تُرْجَعُونَ
तुम लौटाए जाओगे
Kullu nafsin thaiqatu almawti wanablookum bialshsharri waalkhayri fitnatan wailayna turja'oona (al-ʾAnbiyāʾ 21:35)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
हर जीव को मौत का मज़ा चखना है और हम अच्छी और बुरी परिस्थितियों में डालकर तुम सबकी परीक्षा करते है। अन्ततः तुम्हें हमारी ही ओर पलटकर आना है
English Sahih:
Every soul will taste death. And We test you with evil and with good as trial; and to Us you will be returned. ([21] Al-Anbya : 35)