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بَلْ قَالُوْٓا اَضْغَاثُ اَحْلَامٍۢ بَلِ افْتَرٰىهُ بَلْ هُوَ شَاعِرٌۚ فَلْيَأْتِنَا بِاٰيَةٍ كَمَآ اُرْسِلَ الْاَوَّلُوْنَ   ( الأنبياء: ٥ )

Nay
بَلْ
बल्कि
they say
قَالُوٓا۟
उन्होंने कहा
"Muddled
أَضْغَٰثُ
परेशान
dreams;
أَحْلَٰمٍۭ
ख़्वाब हैं
nay
بَلِ
बल्कि
he (has) invented it;
ٱفْتَرَىٰهُ
उसने गढ़ लिया है उसे
nay
بَلْ
बल्कि
he
هُوَ
वो
(is) a poet
شَاعِرٌ
शायर है
So let him bring us
فَلْيَأْتِنَا
पस चाहिए कि लाए हमारे पास
a sign
بِـَٔايَةٍ
कोई निशानी
like what
كَمَآ
जैसा कि
was sent
أُرْسِلَ
भेजे गए
(to) the former"
ٱلْأَوَّلُونَ
पहले (रसूल)

Bal qaloo adghathu ahlamin bali iftarahu bal huwa sha'irun falyatina biayatin kama orsila alawwaloona (al-ʾAnbiyāʾ 21:5)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

नहीं, बल्कि वे कहते है, 'ये तो संभ्रमित स्वप्नं है, बल्कि उसने इसे स्वयं ही घड़ लिया है, बल्कि वह एक कवि है! उसे तो हमारे पास कोई निशानी लानी चाहिए, जैसे कि (निशानियाँ लेकर) पहले के रसूल भेजे गए थे।'

English Sahih:

But they say, "[The revelation is but] a mixture of false dreams; rather, he has invented it; rather, he is a poet. So let him bring us a sign just as the previous [messengers] were sent [with miracles]." ([21] Al-Anbya : 5)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(उस पर भी उन लोगों ने इक्तिफ़ा न की) बल्कि कहने लगे (ये कुरान तो) ख़ाबहाय परीशाँ का मजमूआ है बल्कि उसने खुद अपने जी से झूट-मूट गढ़ लिया है बल्कि ये शख्स शायर है और अगर हक़ीकतन रसूल है) तो जिस तरह अगले पैग़म्बर मौजिज़ों के साथ भेजे गए थे