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يَدْعُوْا لَمَنْ ضَرُّهٗٓ اَقْرَبُ مِنْ نَّفْعِهٖۗ لَبِئْسَ الْمَوْلٰى وَلَبِئْسَ الْعَشِيْرُ   ( الحج: ١٣ )

He calls
يَدْعُوا۟
वो पुकारता है
(one) who -
لَمَن
यक़ीनन उसे
his harm
ضَرُّهُۥٓ
नुक़्सान जिसका
(is) closer
أَقْرَبُ
क़रीब तर है
than
مِن
उसके नफ़े से
his benefit
نَّفْعِهِۦۚ
उसके नफ़े से
Surely an evil
لَبِئْسَ
अलबत्ता कितना बुरा है
protector
ٱلْمَوْلَىٰ
दोस्त
and surely an evil
وَلَبِئْسَ
और अलबत्ता कितना बुरा है
friend!
ٱلْعَشِيرُ
साथी

Yad'oo laman darruhu aqrabu min naf'ihi labisa almawla walabisa al'asheeru (al-Ḥajj 22:13)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वह उसको पुकारता है जिससे पहुँचनेवाली हानि उससे अपेक्षित लाभ की अपेक्षा अधिक निकट है। बहुत ही बुरा संरक्षक है वह और बहुत ही बुरा साथी!

English Sahih:

He invokes one whose harm is closer than his benefit – how wretched the protector and how wretched the associate. ([22] Al-Hajj : 13)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

यही तो पल्ले दरने की गुमराही है और उसको अपनी हाजत रवाई के लिए पुकारता है जिस का नुक़सान उसके नफे से ज्यादा क़रीब है बेशक ऐसा मालिक भी बुरा और ऐसा रफीक़ भी बुरा