اِنَّ الَّذِيْنَ جَاۤءُوْ بِالْاِفْكِ عُصْبَةٌ مِّنْكُمْۗ لَا تَحْسَبُوْهُ شَرًّا لَّكُمْۗ بَلْ هُوَ خَيْرٌ لَّكُمْۗ لِكُلِّ امْرِئٍ مِّنْهُمْ مَّا اكْتَسَبَ مِنَ الْاِثْمِۚ وَالَّذِيْ تَوَلّٰى كِبْرَهٗ مِنْهُمْ لَهٗ عَذَابٌ عَظِيْمٌ ( النور: ١١ )
Inna allatheena jaoo bialifki 'usbatun minkum la tahsaboohu sharran lakum bal huwa khayrun lakum likulli imriin minhum ma iktasaba mina alithmi waallathee tawalla kibrahu minhum lahu 'athabun 'atheemun (an-Nūr 24:11)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जो लोग तोहमत घड़ लाए है वे तुम्हारे ही भीतर की एक टोली है। तुम उसे अपने लिए बुरा मत समझो, बल्कि वह भी तुम्हारे लिए अच्छा ही है। उनमें से प्रत्येक व्यक्ति के लिए उतना ही हिस्सा है जितना गुनाह उसने कमाया, और उनमें से जिस व्यक्ति ने उसकी ज़िम्मेदारी का एक बड़ा हिस्सा अपने सिर लिया उसके लिए बड़ा यातना है
English Sahih:
Indeed, those who came with falsehood are a group among you. Do not think it bad for you; rather, it is good for you. For every person among them is what [punishment] he has earned from the sin, and he who took upon himself the greater portion thereof – for him is a great punishment [i.e., Hellfire]. ([24] An-Nur : 11)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
बेशक जिन लोगों ने झूठी तोहमत लगायी वह तुम्ही में से एक गिरोह है तुम अपने हक़ में इस तोहमत को बड़ा न समझो बल्कि ये तुम्हारे हक़ में बेहतर है इनमें से जिस शख्स ने जितना गुनाह समेटा वह उस (की सज़ा) को खुद भुगतेगा और उनमें से जिस शख्स ने तोहमत का बड़ा हिस्सा लिया उसके लिए बड़ी (सख्त) सज़ा होगी