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وَمَنْ يُّطِعِ اللّٰهَ وَرَسُوْلَهٗ وَيَخْشَ اللّٰهَ وَيَتَّقْهِ فَاُولٰۤىِٕكَ هُمُ الْفَاۤىِٕزُوْنَ  ( النور: ٥٢ )

And whoever
وَمَن
और जो कोई
obeys
يُطِعِ
इताअत करेगा
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह की
and His Messenger
وَرَسُولَهُۥ
और उसके रसूल की
and fears
وَيَخْشَ
और वो डरेगा
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह से
and (is) conscious of Him
وَيَتَّقْهِ
और वो तक़वा करेगा उसका
then those
فَأُو۟لَٰٓئِكَ
तो यही लोग हैं
[they]
هُمُ
वो
(are) the successful ones
ٱلْفَآئِزُونَ
जो कामयाब होने वाले हैं

Waman yuti'i Allaha warasoolahu wayakhsha Allaha wayattaqhi faolaika humu alfaizoona (an-Nūr 24:52)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और जो कोई अल्लाह और उसके रसूल का आज्ञा का पालन करे और अल्लाह से डरे और उसकी सीमाओं का ख़याल रखे, तो ऐसे ही लोग सफल है

English Sahih:

And whoever obeys Allah and His Messenger and fears Allah and is conscious of Him – it is those who are the attainers. ([24] An-Nur : 52)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जो शख्स ख़ुदा और उसके रसूल का हुक्म माने और ख़ुदा से डरे और उस (की नाफरमानी) से बचता रहेगा तो ऐसे ही लोग अपनी मुराद को पहुँचेगें