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لِّنُحْيِ َۧ بِهٖ بَلْدَةً مَّيْتًا وَّنُسْقِيَهٗ مِمَّا خَلَقْنَآ اَنْعَامًا وَّاَنَاسِيَّ كَثِيْرًا   ( الفرقان: ٤٩ )

That We may give life
لِّنُحْۦِىَ
ताकि हम ज़िन्दा करें
thereby
بِهِۦ
साथ उसके
(to) a land
بَلْدَةً
शहर
dead
مَّيْتًا
मुर्दा को
and We give drink
وَنُسْقِيَهُۥ
और हम पिलाऐं उसे
thereof
مِمَّا
उनमें से जो
(to those) We created
خَلَقْنَآ
पैदा किए हमने
cattle
أَنْعَٰمًا
मवेशी
and men
وَأَنَاسِىَّ
और इन्सान
many
كَثِيرًا
बहुत से

Linuhyiya bihi baldatan maytan wanusqiyahu mimma khalaqna an'aman waanasiyya katheeran (al-Furq̈ān 25:49)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ताकि हम उसके द्वारा निर्जीव भू-भाग को जीवन प्रदान करें और उसे अपने पैदा किए हुए बहुत-से चौपायों और मनुष्यों को पिलाएँ

English Sahih:

That We may bring to life thereby a dead land and give it as drink to those We created of numerous livestock and men. ([25] Al-Furqan : 49)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ताकि हम उसके ज़रिए से मुर्दा (वीरान) शहर को ज़िन्दा (आबाद) कर दें और अपनी मख़लूकात में से चौपायों और बहुत से आदमियों को उससे सेराब करें