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وَقَالُوْٓا اَسَاطِيْرُ الْاَوَّلِيْنَ اكْتَتَبَهَا فَهِيَ تُمْلٰى عَلَيْهِ بُكْرَةً وَّاَصِيْلًا  ( الفرقان: ٥ )

And they say
وَقَالُوٓا۟
और उन्होंने कहा
"Tales
أَسَٰطِيرُ
कहानियाँ हैं
(of) the former people
ٱلْأَوَّلِينَ
पहलों की
which he has had written
ٱكْتَتَبَهَا
उसने लिखवा लिया है उन्हें
and they
فَهِىَ
तो वो
are dictated
تُمْلَىٰ
वो इमला की जाती हैं
to him
عَلَيْهِ
उस पर
morning
بُكْرَةً
सुबह
and evening"
وَأَصِيلًا
और शाम

Waqaloo asateeru alawwaleena iktatabaha fahiya tumla 'alayhi bukratan waaseelan (al-Furq̈ān 25:5)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

कहते है, 'ये अगलों की कहानियाँ है, जिनको उसने लिख लिया है तो वही उसके पास प्रभात काल और सन्ध्या समय लिखाई जाती है।'

English Sahih:

And they say, "Legends of the former peoples which he has written down, and they are dictated to him morning and afternoon." ([25] Al-Furqan : 5)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

तो यक़ीनन ख़ुद उन ही लोगों ने ज़ुल्म व फरेब किया है और (ये भी) कहा कि (ये तो) अगले लोगों के ढकोसले हैं जिसे उसने किसी से लिखवा लिया है पस वही सुबह व शाम उसके सामने पढ़ा जाता है