Skip to main content

وَالَّذِيْنَ لَا يَدْعُوْنَ مَعَ اللّٰهِ اِلٰهًا اٰخَرَ وَلَا يَقْتُلُوْنَ النَّفْسَ الَّتِيْ حَرَّمَ اللّٰهُ اِلَّا بِالْحَقِّ وَلَا يَزْنُوْنَۚ وَمَنْ يَّفْعَلْ ذٰلِكَ يَلْقَ اَثَامًا ۙ  ( الفرقان: ٦٨ )

And those who
وَٱلَّذِينَ
और वो जो
(do) not
لَا
नहीं वो पुकारते
invoke
يَدْعُونَ
नहीं वो पुकारते
with
مَعَ
साथ
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के
god
إِلَٰهًا
इलाह
another
ءَاخَرَ
दूसरा
and (do) not
وَلَا
और नहीं
[they] kill
يَقْتُلُونَ
वो क़त्ल करते
the soul
ٱلنَّفْسَ
किसी जान को
which
ٱلَّتِى
वो जो
Allah has forbidden
حَرَّمَ
हराम की
Allah has forbidden
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
except
إِلَّا
मगर
by right
بِٱلْحَقِّ
साथ हक़ के
and (do) not
وَلَا
और नहीं
commit adultery
يَزْنُونَۚ
वो ज़िना करते
And whoever
وَمَن
और जो कोई
does
يَفْعَلْ
करेगा
that
ذَٰلِكَ
ऐसा
will meet
يَلْقَ
वो पाएगा
a penalty
أَثَامًا
गुनाह (की सज़ा) को

Waallatheena la yad'oona ma'a Allahi ilahan akhara wala yaqtuloona alnnafsa allatee harrama Allahu illa bialhaqqi wala yaznoona waman yaf'al thalika yalqa athaman (al-Furq̈ān 25:68)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जो अल्लाह के साथ किसी दूसरे इष्ट-पूज्य को नहीं पुकारते और न नाहक़ किसी जीव को जिस (के क़त्ल) को अल्लाह ने हराम किया है, क़त्ल करते है। और न वे व्यभिचार करते है - जो कोई यह काम करे तो वह गुनाह के वबाल से दोचार होगा

English Sahih:

And those who do not invoke with Allah another deity or kill the soul which Allah has forbidden [to be killed], except by right, and do not commit unlawful sexual intercourse. And whoever should do that will meet a penalty. ([25] Al-Furqan : 68)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और वह लोग जो ख़ुदा के साथ दूसरे माबूदों की परसतिश नही करते और जिस जान के मारने को ख़ुदा ने हराम कर दिया है उसे नाहक़ क़त्ल नहीं करते और न ज़िना करते हैं और जो शख्स ऐसा करेगा वह आप अपने गुनाह की सज़ा भुगतेगा