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اِنَّ فِيْ ذٰلِكَ لَاٰيَةً ۗوَمَا كَانَ اَكْثَرُهُمْ مُّؤْمِنِيْنَ   ( الشعراء: ١٠٣ )

Indeed
إِنَّ
यक़ीनन
in
فِى
इसमें
that
ذَٰلِكَ
इसमें
surely is a Sign
لَءَايَةًۖ
अलबत्ता एक निशानी है
but not
وَمَا
और ना
are
كَانَ
थे
most of them
أَكْثَرُهُم
अक्सर उनके
believers
مُّؤْمِنِينَ
ईमान लाने वाले

Inna fee thalika laayatan wama kana aktharuhum mumineena (aš-Šuʿarāʾ 26:103)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

निश्चय ही इसमें एक बड़ी निशानी है। इसपर भी उनमें से अधिकरतर माननेवाले नहीं

English Sahih:

Indeed in that is a sign, but most of them were not to be believers. ([26] Ash-Shu'ara : 103)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

इबराहीम के इस किस्से में भी यक़ीनन एक बड़ी इबरत है और इनमें से अक्सर ईमान लाने वाले थे भी नहीं