فَفَرَرْتُ مِنْكُمْ لَمَّا خِفْتُكُمْ فَوَهَبَ لِيْ رَبِّيْ حُكْمًا وَّجَعَلَنِيْ مِنَ الْمُرْسَلِيْنَ ( الشعراء: ٢١ )
So I fled
فَفَرَرْتُ
फिर भाग गया मैं
from you
مِنكُمْ
तुम से
when
لَمَّا
जब
I feared you
خِفْتُكُمْ
डरा मैं तुम से
But granted
فَوَهَبَ
तो अता किया
to me
لِى
मुझे
my Lord
رَبِّى
मेरे रब ने
judgment
حُكْمًا
हुक्म
and made me
وَجَعَلَنِى
और उसने बनाया मुझे
of
مِنَ
रसूलों में से
the Messengers
ٱلْمُرْسَلِينَ
रसूलों में से
Fafarartu minkum lamma khiftukum fawahaba lee rabbee hukman waja'alanee mina almursaleena (aš-Šuʿarāʾ 26:21)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
फिर जब मुझे तुम्हारा भय हुआ तो मैं तुम्हारे यहाँ से भाग गया। फिर मेरे रब ने मुझे निर्णय-शक्ति प्रदान की और मुझे रसूलों में सम्मिलित किया
English Sahih:
So I fled from you when I feared you. Then my Lord granted me judgement [i.e., wisdom and prophet hood] and appointed me [as one] of the messengers. ([26] Ash-Shu'ara : 21)