قَالُوْٓا اَرْجِهْ وَاَخَاهُ وَابْعَثْ فِى الْمَدَاۤىِٕنِ حٰشِرِيْنَ ۙ ( الشعراء: ٣٦ )
They said
قَالُوٓا۟
उन्होंने कहा
"Post pone him
أَرْجِهْ
मोहलत दो उसे
and his brother
وَأَخَاهُ
और उसके भाई को
and send
وَٱبْعَثْ
और भेज दो
in
فِى
शहरों में
the cities
ٱلْمَدَآئِنِ
शहरों में
gatherers -
حَٰشِرِينَ
इकट्ठा करने वाले
Qaloo arjih waakhahu waib'ath fee almadaini hashireena (aš-Šuʿarāʾ 26:36)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उन्होंने कहा, 'इसे और इसके भाई को अभी टाले रखिए, और एकत्र करनेवालों को नगरों में भेज दीजिए
English Sahih:
They said, "Postpone [the matter of] him and his brother and send among the cities gatherers ([26] Ash-Shu'ara : 36)