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وَلَقَدْ اَرْسَلْنَآ اِلٰى ثَمُوْدَ اَخَاهُمْ صٰلِحًا اَنِ اعْبُدُوا اللّٰهَ فَاِذَا هُمْ فَرِيْقٰنِ يَخْتَصِمُوْنَ   ( النمل: ٤٥ )

And certainly
وَلَقَدْ
और अलबत्ता तहक़ीक
We sent
أَرْسَلْنَآ
भेजा हमने
to
إِلَىٰ
तरफ़ समूद के
Thamud
ثَمُودَ
तरफ़ समूद के
their brother
أَخَاهُمْ
उनके भाई
Salih
صَٰلِحًا
सालेह को
that
أَنِ
कि
"Worship
ٱعْبُدُوا۟
इबादत करो
Allah"
ٱللَّهَ
अल्लाह की
Then behold!
فَإِذَا
तो यकायक
They
هُمْ
वो
(became) two parties
فَرِيقَانِ
दो फ़रीक़ हो कर
quarreling
يَخْتَصِمُونَ
वो झगड़ रहे थे

Walaqad arsalna ila thamooda akhahum salihan ani o'budoo Allaha faitha hum fareeqani yakhtasimoona (an-Naml 27:45)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और समूद की ओर हमने उनके भाई सालेह को भेजा कि 'अल्लाह की बन्दगी करो।' तो क्या देखते है कि वे दो गिरोह होकर आपस में झगड़ने लगे

English Sahih:

And We had certainly sent to Thamud their brother Saleh, [saying], "Worship Allah," and at once they were two parties conflicting. ([27] An-Naml : 45)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और अब मैं सुलेमान के साथ सारे जहाँ के पालने वाले खुदा पर ईमान लाती हूँ और हम ही ने क़ौम समूद के पास उनके भाई सालेह को पैग़म्बर बनाकर भेजा कि तुम लोग ख़ुदा की इबादत करो तो वह सालेह के आते ही (मोमिन व काफिर) दो फरीक़ बनकर बाहम झगड़ने लगे