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قَالَ يٰقَوْمِ لِمَ تَسْتَعْجِلُوْنَ بِالسَّيِّئَةِ قَبْلَ الْحَسَنَةِۚ لَوْلَا تَسْتَغْفِرُوْنَ اللّٰهَ لَعَلَّكُمْ تُرْحَمُوْنَ   ( النمل: ٤٦ )

He said
قَالَ
उसने कहा
"O my people!
يَٰقَوْمِ
ऐ मेरी क़ौम
Why
لِمَ
क्यों
(do) you seek to hasten
تَسْتَعْجِلُونَ
तुम जल्दी माँगते हो
the evil
بِٱلسَّيِّئَةِ
बुराई को
before
قَبْلَ
क़ब्ल
the good?
ٱلْحَسَنَةِۖ
भलाई से
Why not
لَوْلَا
क्यों नहीं
you ask forgiveness
تَسْتَغْفِرُونَ
तुम बख़्शिश माँगते
(of) Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह से
so that you may
لَعَلَّكُمْ
ताकि तुम
receive mercy?"
تُرْحَمُونَ
तुम रहम किए जाओ

Qala ya qawmi lima tasta'jiloona bialssayyiati qabla alhasanati lawla tastaghfiroona Allaha la'allakum turhamoona (an-Naml 27:46)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उसने कहा, 'ऐ मेरी क़ौम के लोगों, तुम भलाई से पहले बुराई के लिए क्यों जल्दी मचा रहे हो? तुम अल्लाह से क्षमा याचना क्यों नहीं करते? कदाचित तुमपर दया की जाए।'

English Sahih:

He said, "O my people, why are you impatient for evil before [i.e., instead of] good? Why do you not seek forgiveness of Allah that you may receive mercy?" ([27] An-Naml : 46)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

सालेह ने कहा ऐ मेरी क़ौम (आख़िर) तुम लोग भलाई से पहल बुराई के वास्ते जल्दी क्यों कर रहे हो तुम लोग ख़ुदा की बारगाह में तौबा व अस्तग़फार क्यों नही करते ताकि तुम पर रहम किया जाए