اِنَّ هٰذَا الْقُرْاٰنَ يَقُصُّ عَلٰى بَنِيْٓ اِسْرَاۤءِيْلَ اَكْثَرَ الَّذِيْ هُمْ فِيْهِ يَخْتَلِفُوْنَ ( النمل: ٧٦ )
Indeed
إِنَّ
बेशक
this
هَٰذَا
ये
[the] Quran
ٱلْقُرْءَانَ
क़ुरान
relates
يَقُصُّ
बयान करता है
to
عَلَىٰ
बनी इस्राईल पर
(the) Children
بَنِىٓ
बनी इस्राईल पर
(of) Israel
إِسْرَٰٓءِيلَ
बनी इस्राईल पर
most
أَكْثَرَ
अक्सर (बातें)
(of) that
ٱلَّذِى
वो जो
they
هُمْ
वो
in it
فِيهِ
उनमें
differ
يَخْتَلِفُونَ
वो इख़्तिलाफ़ करते हैं
Inna hatha alqurana yaqussu 'ala banee israeela akthara allathee hum feehi yakhtalifoona (an-Naml 27:76)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
निस्संदेह यह क़ुरआन इसराईल की सन्तान को अधिकतर ऐसी बाते खोलकर सुनाता है जिनके विषय में उनसे मतभेद है
English Sahih:
Indeed, this Quran relates to the Children of Israel most of that over which they disagree. ([27] An-Naml : 76)