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حَتّٰٓى اِذَا جَاۤءُوْ قَالَ اَكَذَّبْتُمْ بِاٰيٰتِيْ وَلَمْ تُحِيْطُوْا بِهَا عِلْمًا اَمَّاذَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ   ( النمل: ٨٤ )

Until
حَتَّىٰٓ
यहाँ तक कि
when
إِذَا
जब
they come
جَآءُو
वो आजाऐंगे
He will say
قَالَ
वो फ़रमाएगा
"Did you deny
أَكَذَّبْتُم
क्या झुठलाया तुम ने
My Signs
بِـَٔايَٰتِى
मेरी आयात को
while not
وَلَمْ
हालाँकि नहीं
you encompassed
تُحِيطُوا۟
तुम ने अहाता किया था
them
بِهَا
उनका
(in) knowledge
عِلْمًا
इल्म के ऐतबार से
or what
أَمَّاذَا
या क्या कुछ
you used (to)
كُنتُمْ
थे तुम
do?"
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते

Hatta itha jaoo qala akaththabtum biayatee walam tuheetoo biha 'ilman ammatha kuntum ta'maloona (an-Naml 27:84)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

यहाँ तक कि जब वे आ जाएँगे तो वह कहेगा, 'क्या तुमने मेरी आयतों को झुठलाया, हालाँकि अपने ज्ञान से तुम उनपर हावी न थे या फिर तुम क्या करते थे?'

English Sahih:

Until, when they arrive [at the place of Judgement], He will say, "Did you deny My signs while you encompassed them not in knowledge, or what [was it that] you were doing?" ([27] An-Naml : 84)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

यहाँ तक कि जब वह सब (ख़ुदा के सामने) आएँगें और ख़ुदा उनसे कहेगा क्या तुम ने हमारी आयतों को बगैर अच्छी तरह समझे बूझे झुठलाया-भला तुम क्या क्या करते थे और चूँकि ये लोग ज़ुल्म किया करते थे