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وَقَالَ فِرْعَوْنُ يٰٓاَيُّهَا الْمَلَاُ مَا عَلِمْتُ لَكُمْ مِّنْ اِلٰهٍ غَيْرِيْۚ فَاَوْقِدْ لِيْ يٰهَامٰنُ عَلَى الطِّيْنِ فَاجْعَلْ لِّيْ صَرْحًا لَّعَلِّيْٓ اَطَّلِعُ اِلٰٓى اِلٰهِ مُوْسٰىۙ وَاِنِّيْ لَاَظُنُّهٗ مِنَ الْكٰذِبِيْنَ   ( القصص: ٣٨ )

And Firaun said
وَقَالَ
और कहा
And Firaun said
فِرْعَوْنُ
फ़िरऔन ने
"O chiefs!
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ अहले दरबार
"O chiefs!
ٱلْمَلَأُ
ऐ अहले दरबार
Not
مَا
नहीं
I know
عَلِمْتُ
जानता मैं
for you
لَكُم
तुम्हारे लिए
any
مِّنْ
कोई इलाह
god
إِلَٰهٍ
कोई इलाह
other than me
غَيْرِى
अपने सिवा
So kindle
فَأَوْقِدْ
पस जलाओ(आग)
for me
لِى
मेरे लिए
O Haman!
يَٰهَٰمَٰنُ
ऐ हामान
Upon
عَلَى
मिट्टी पर
the clay
ٱلطِّينِ
मिट्टी पर
and make
فَٱجْعَل
फिर बनाओ
for me
لِّى
मेरे लिए
a lofty tower
صَرْحًا
एक बुलन्द इमारत
so that [I]
لَّعَلِّىٓ
शायद कि मैं
I may look
أَطَّلِعُ
मैं झाँकूँ
at
إِلَىٰٓ
तरफ़ मूसा के इलाह के
(the) God
إِلَٰهِ
तरफ़ मूसा के इलाह के
(of) Musa
مُوسَىٰ
तरफ़ मूसा के इलाह के
And indeed, I
وَإِنِّى
और बेशक मैं
[I] think that he
لَأَظُنُّهُۥ
अलबत्ता नैं समझता हूँ उसे
(is) of
مِنَ
झूठों में से
the liars"
ٱلْكَٰذِبِينَ
झूठों में से

Waqala fir'awnu ya ayyuha almalao ma 'alimtu lakum min ilahin ghayree faawqid lee ya hamanu 'ala altteeni faij'al lee sarhan la'allee attali'u ila ilahi moosa wainnee laathunnuhu mina alkathibeena (al-Q̈aṣaṣ 28:38)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

फ़िरऔन ने कहा, 'ऐ दरबारवालो, मैं तो अपने सिवा तुम्हारे किसी प्रभु को नहीं जानता। अच्छा तो ऐ हामान! तू मेरे लिए ईटें आग में पकवा। फिर मेरे लिए एक ऊँचा महल बना कि मैं मूसा के प्रभु को झाँक आऊँ। मैं तो उसे झूठा समझता हूँ।'

English Sahih:

And Pharaoh said, "O eminent ones, I have not known you to have a god other than me. Then ignite for me, O Haman, [a fire] upon the clay and make for me a tower that I may look at the God of Moses. And indeed, I do think he is among the liars." ([28] Al-Qasas : 38)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (ये सुनकर) फिरऔन ने कहा ऐ मेरे दरबार के सरदारों मुझ को तो अपने सिवा तुम्हारा कोई परवरदिगार मालूम नही होता (और मूसा दूसरे को ख़ुदा बताता है) तो ऐ हामान (वज़ीर फिरऔन) तुम मेरे वास्ते मिट्टी (की ईटों) का पजावा सुलगाओ फिर मेरे वास्ते एक पुख्ता महल तैयार कराओ ताकि मै (उस पर चढ़ कर) मूसा के ख़ुदा को देंखू और मै तो यक़ीनन मूसा को झूठा समझता हूँ