وَاِنْ تُكَذِّبُوْا فَقَدْ كَذَّبَ اُمَمٌ مِّنْ قَبْلِكُمْ ۗوَمَا عَلَى الرَّسُوْلِ اِلَّا الْبَلٰغُ الْمُبِيْنُ ( العنكبوت: ١٨ )
And if
وَإِن
और अगर
you deny
تُكَذِّبُوا۟
तुम झुठलाते हो
then verily
فَقَدْ
पस तहक़ीक़
denied
كَذَّبَ
झुठलाया
(the) nations
أُمَمٌ
उम्मतों ने
before you
مِّن
जो तुम से पहले थीं
before you
قَبْلِكُمْۖ
जो तुम से पहले थीं
And not
وَمَا
और नहीं
(is) on
عَلَى
रसूल पर
the Messenger
ٱلرَّسُولِ
रसूल पर
except
إِلَّا
मगर
the conveyance
ٱلْبَلَٰغُ
पहुँचा देना
clear"
ٱلْمُبِينُ
वाज़ेह तौर पर
Wain tukaththiboo faqad kaththaba omamun min qablikum wama 'ala alrrasooli illa albalaghu almubeenu (al-ʿAnkabūt 29:18)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और यदि तुम झुठलाते हो तो तुमसे पहले कितने ही समुदाय झुठला चुके है। रसूल पर तो बस केवल स्पष्ट रूप से (सत्य संदेश) पहुँचा देने की ज़िम्मेदारी है।'
English Sahih:
And if you [people] deny [the message] – already nations before you have denied. And there is not upon the Messenger except [the duty of] clear notification. ([29] Al-'Ankabut : 18)