اَللّٰهُ يَبْسُطُ الرِّزْقَ لِمَنْ يَّشَاۤءُ مِنْ عِبَادِهٖ وَيَقْدِرُ لَهٗ ۗاِنَّ اللّٰهَ بِكُلِّ شَيْءٍ عَلِيْمٌ ( العنكبوت: ٦٢ )
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
extends
يَبْسُطُ
वो फैलाता देता है
the provision
ٱلرِّزْقَ
रिज़्क़ को
for whom
لِمَن
जिसके लिए
He wills
يَشَآءُ
वो चाहता है
of
مِنْ
अपने बन्दों में से
His slaves
عِبَادِهِۦ
अपने बन्दों में से
and restricts
وَيَقْدِرُ
और वो तंग कर देता है
for him
لَهُۥٓۚ
उसके लिए
Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
of every
بِكُلِّ
हर
thing
شَىْءٍ
चीज़ को
(is) All-Knower
عَلِيمٌ
ख़ूब जानने वाला है
Allahu yabsutu alrrizqa liman yashao min 'ibadihi wayaqdiru lahu inna Allaha bikulli shayin 'aleemun (al-ʿAnkabūt 29:62)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अल्लाह अपने बन्दों में से जिसके लिए चाहता है आजीविका विस्तीर्ण कर देता है और जिसके लिए चाहता है नपी-तुली कर देता है। निस्संदेह अल्लाह हरेक चीज़ को भली-भाँति जानता है
English Sahih:
Allah extends provision for whom He wills of His servants and restricts for him. Indeed Allah is, of all things, Knowing. ([29] Al-'Ankabut : 62)