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وَقَالُوْٓا ءَاِذَا ضَلَلْنَا فِى الْاَرْضِ ءَاِنَّا لَفِيْ خَلْقٍ جَدِيْدٍ ەۗ بَلْ هُمْ بِلِقَاۤءِ رَبِّهِمْ كٰفِرُوْنَ   ( السجدة: ١٠ )

And they say
وَقَالُوٓا۟
और उन्होंने कहा
"Is (it) when
أَءِذَا
क्या जब
we are lost
ضَلَلْنَا
गुम हो जाऐंगे हम
in
فِى
ज़मीन में
the earth
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
will we
أَءِنَّا
क्या बेशक हम
certainly be in
لَفِى
अलबत्ता पैदाइश में (होंगे)
a creation
خَلْقٍ
अलबत्ता पैदाइश में (होंगे)
new?"
جَدِيدٍۭۚ
नई
Nay
بَلْ
बल्कि
they
هُم
वो
in (the) meeting
بِلِقَآءِ
मुलाक़ात से
(of) their Lord
رَبِّهِمْ
अपने रब की
(are) disbelievers
كَٰفِرُونَ
इन्कारी हैं

Waqaloo aitha dalalna fee alardi ainna lafee khalqin jadeedin bal hum biliqai rabbihim kafiroona (as-Sajdah 32:10)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और उन्होंने कहा, 'जब हम धरती में रल-मिल जाएँगे तो फिर क्या हम वास्तब में नवीन काय में जीवित होंगे?' नहीं, बल्कि उन्हें अपने रब से मिलने का इनकार है

English Sahih:

And they say, "When we are lost [i.e., disintegrated] within the earth, will we indeed be [recreated] in a new creation?" Rather, they are, in the meeting with their Lord, disbelievers. ([32] As-Sajdah : 10)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और ये लोग कहते हैं कि जब हम ज़मीन में नापैद हो जाएँगे तो क्या हम फिर नया जन्म लेगे (क़यामत से नही) बल्कि ये लोग अपने परवरदिगार के (सामने हुज़ूरी ही) से इन्कार रखते हैं