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وَلَقَدْ كَانُوْا عَاهَدُوا اللّٰهَ مِنْ قَبْلُ لَا يُوَلُّوْنَ الْاَدْبَارَ ۗوَكَانَ عَهْدُ اللّٰهِ مَسْـُٔوْلًا  ( الأحزاب: ١٥ )

And certainly
وَلَقَدْ
और अलबत्ता तहक़ीक़
they had
كَانُوا۟
थे वो
promised
عَٰهَدُوا۟
वो अहद कर चुके
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह से
before
مِن
इससे पहले
before
قَبْلُ
इससे पहले
not
لَا
कि नहीं वो फेरेंगे
they would turn
يُوَلُّونَ
कि नहीं वो फेरेंगे
their backs
ٱلْأَدْبَٰرَۚ
पुश्तें
And is
وَكَانَ
और है
(the) promise
عَهْدُ
अहद
(to) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह का
to be questioned
مَسْـُٔولًا
पूछा जाने वाला

Walaqad kanoo 'ahadoo Allaha min qablu la yuwalloona aladbara wakana 'ahdu Allahi masoolan (al-ʾAḥzāb 33:15)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

यद्यपि वे इससे पहले अल्लाह को वचन दे चुके थे कि वे पीठ न फेरेंगे, और अल्लाह से की गई प्रतिज्ञा के विषय में तो पूछा जाना ही है

English Sahih:

And they had already promised Allah before not to turn their backs [i.e., flee]. And ever is the promise to Allah [that about which one will be] questioned. ([33] Al-Ahzab : 15)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (उस वक्त) अपने घरों में भी बहुत कम तवक्क़ुफ़ करेंगे (मगर ये तो जिहाद है) हालाँकि उन लोगों ने पहले ही खुदा से एहद किया था कि हम दुश्मन के मुक़ाबले में (अपनी) पीठ न फेरेंगे और खुदा के एहद की पूछगछ तो (एक न एक दिन) होकर रहेगी