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وَمَآ اَرْسَلْنٰكَ اِلَّا كَاۤفَّةً لِّلنَّاسِ بَشِيْرًا وَّنَذِيْرًا وَّلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا يَعْلَمُوْنَ   ( سبإ: ٢٨ )

And not
وَمَآ
और नहीं
We have sent you
أَرْسَلْنَٰكَ
भेजा हमने आपको
except
إِلَّا
मगर
inclusively
كَآفَّةً
तमाम
to mankind
لِّلنَّاسِ
इन्सानों के लिए
(as) a giver of glad tidings
بَشِيرًا
ख़ुशख़बरी देने वाला
and (as) a warner
وَنَذِيرًا
और डराने वाला बनाकर
But
وَلَٰكِنَّ
और लेकिन
most
أَكْثَرَ
अक्सर
[the] people
ٱلنَّاسِ
लोग
(do) not
لَا
नहीं वो इल्म रखते
know
يَعْلَمُونَ
नहीं वो इल्म रखते

Wama arsalnaka illa kaffatan lilnnasi basheeran wanatheeran walakinna akthara alnnasi la ya'lamoona (Sabaʾ 34:28)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

हमने तो तुम्हें सारे ही मनुष्यों को शुभ-सूचना देनेवाला और सावधान करनेवाला बनाकर भेजा, किन्तु अधिकतर लोग जानते नहीं

English Sahih:

And We have not sent you except comprehensively to mankind as a bringer of good tidings and a warner. But most of the people do not know. ([34] Saba : 28)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल) हमने तुमको तमाम (दुनिया के) लोगों के लिए (नेकों को बेहश्त की) खुशखबरी देने वाला और (बन्दों को अज़ाब से) डराने वाला (पैग़म्बर) बनाकर भेजा मगर बहुतेरे लोग (इतना भी) नहीं जानते