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قَالَ الَّذِيْنَ اسْتَكْبَرُوْا لِلَّذِيْنَ اسْتُضْعِفُوْٓا اَنَحْنُ صَدَدْنٰكُمْ عَنِ الْهُدٰى بَعْدَ اِذْ جَاۤءَكُمْ بَلْ كُنْتُمْ مُّجْرِمِيْنَ   ( سبإ: ٣٢ )

Will say
قَالَ
कहेंगे
those who
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
were arrogant
ٱسْتَكْبَرُوا۟
तकब्बुर किया
to those
لِلَّذِينَ
उनसे जो
who were oppressed
ٱسْتُضْعِفُوٓا۟
कमज़ोर समझे गए
"Did we
أَنَحْنُ
क्या हमने
avert you
صَدَدْنَٰكُمْ
रोका था हमने तुम्हें
from
عَنِ
हिदायत से
the guidance
ٱلْهُدَىٰ
हिदायत से
after
بَعْدَ
बाद इसके कि
when
إِذْ
जब
it had come to you?
جَآءَكُمۖ
वो आगई तुम्हारे पास
Nay
بَلْ
बल्कि
you were
كُنتُم
थे तुम ही
criminals"
مُّجْرِمِينَ
मुजरिम

Qala allatheena istakbaroo lillatheena istud'ifoo anahnu sadadnakum 'ani alhuda ba'da ith jaakum bal kuntum mujrimeena (Sabaʾ 34:32)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वे लोग जो बड़े बनते थे उन लोगों से जो कमज़ोर समझे गए थे, कहेंगे, 'क्या हमने तुम्हे उस मार्गदर्शन से रोका था, वह तुम्हारे पास आया था? नहीं, बल्कि तुम स्वयं ही अपराधी हो।'

English Sahih:

Those who were arrogant will say to those who were oppressed, "Did we avert you from guidance after it had come to you? Rather, you were criminals." ([34] Saba : 32)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

तो सरकश लोग कमज़ोरों से (मुख़ातिब होकर) कहेंगे कि जब तुम्हारे पास (खुदा की तरफ़ से) हिदायत आयी तो थी तो क्या उसके आने के बाद हमने तुमको (ज़बरदस्ती अम्ल करने से) रोका था (हरगिज़ नहीं) बल्कि तुम तो खुद मुजरिम थे