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اَلَّذِيْنَ كَفَرُوْا لَهُمْ عَذَابٌ شَدِيْدٌ ەۗ وَالَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ لَهُمْ مَّغْفِرَةٌ وَّاَجْرٌ كَبِيْرٌ ࣖ   ( فاطر: ٧ )

Those who
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
disbelieve
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
for them
لَهُمْ
उनके लिए
(will be) a punishment
عَذَابٌ
अज़ाब है
severe
شَدِيدٌۖ
सख़्त
and those
وَٱلَّذِينَ
और वो जो
who believe
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
and do
وَعَمِلُوا۟
और उन्होंने अमल किए
righteous deeds
ٱلصَّٰلِحَٰتِ
नेक
for them
لَهُم
उनके लिए
(will be) forgiveness
مَّغْفِرَةٌ
बख़्शिश है
and a reward
وَأَجْرٌ
और अजर है
great
كَبِيرٌ
बहुत बड़ा

Allatheena kafaroo lahum 'athabun shadeedun waallatheena amanoo wa'amiloo alssalihati lahum maghfiratun waajrun kabeerun (Fāṭir 35:7)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वे लोग है कि जिन्होंने इनकार किया उनके लिए कठोर यातना है। किन्तु जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए उनके लिए क्षमा और बड़ा प्रतिदान है

English Sahih:

Those who disbelieve will have a severe punishment, and those who believe and do righteous deeds will have forgiveness and great reward. ([35] Fatir : 7)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

जिन लोगों ने (दुनिया में) कुफ्र इख़तेयार किया उनके लिए (आखेरत में) सख्त अज़ाब है और जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और अच्छे-अच्छे काम किए उनके लिए (गुनाहों की) मग़फेरत और निहायत अच्छा बदला (बेहश्त) है