وَاللّٰهُ الَّذِيْٓ اَرْسَلَ الرِّيٰحَ فَتُثِيْرُ سَحَابًا فَسُقْنٰهُ اِلٰى بَلَدٍ مَّيِّتٍ فَاَحْيَيْنَا بِهِ الْاَرْضَ بَعْدَ مَوْتِهَاۗ كَذٰلِكَ النُّشُوْرُ ( فاطر: ٩ )
WaAllahu allathee arsala alrriyaha fatutheeru sahaban fasuqnahu ila baladin mayyitin faahyayna bihi alarda ba'da mawtiha kathalika alnnushooru (Fāṭir 35:9)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अल्लाह ही तो है जिसने हवाएँ चलाई फिर वह बादलों को उभारती है, फिर हम उसे किसी शुष्क और निर्जीव भूभाग की ओर ले गए, और उसके द्वारा हमने धरती को उसके मुर्दा हो जाने के पश्चात जीवित कर दिया। इसी प्रकार (लोगों का नए सिरे से) जीवित होकर उठना भी है
English Sahih:
And it is Allah who sends the winds, and they stir the clouds, and We drive them to a dead land and give life thereby to the earth after its lifelessness. Thus is the resurrection. ([35] Fatir : 9)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और ख़ुदा ही वह (क़ादिर व तवाना) है जो हवाओं को भेजता है तो हवाएँ बादलों को उड़ाए-उड़ाए फिरती है फिर हम उस बादल को मुर्दा (उफ़तादा) शहर की तरफ हका देते हैं फिर हम उसके ज़रिए से ज़मीन को उसके मर जाने के बाद शादाब कर देते हैं यूँ ही (मुर्दों को क़यामत में जी उठना होगा)