هٰذَا فَوْجٌ مُّقْتَحِمٌ مَّعَكُمْۚ لَا مَرْحَبًا ۢبِهِمْ ۗ اِنَّهُمْ صَالُوا النَّارِ ( ص: ٥٩ )
This
هَٰذَا
ये
(is) a company
فَوْجٌ
एक फ़ौज/ लश्कर है
bursting in
مُّقْتَحِمٌ
घुसने वाला है
with you
مَّعَكُمْۖ
साथ तुम्हारे
No
لَا
नहीं कोई ख़ुश आमदीद
welcome
مَرْحَبًۢا
नहीं कोई ख़ुश आमदीद
for them
بِهِمْۚ
उन्हें
Indeed they
إِنَّهُمْ
बेशक वो
(will) burn
صَالُوا۟
जलने वाले हैं
(in) the Fire
ٱلنَّارِ
आग में
Hatha fawjun muqtahimun ma'akum la marhaban bihim innahum saloo alnnari (Ṣād 38:59)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
'यह एक भीड़ है जो तुम्हारे साथ घुसी चली आ रही है। कोई आवभगत उनके लिए नहीं। वे तो आग में पड़नेवाले है।'
English Sahih:
[Its inhabitants will say], "This is a company bursting in with you. No welcome for them. Indeed, they will burn in the Fire." ([38] Sad : 59)