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قُلْ لِّلّٰهِ الشَّفَاعَةُ جَمِيْعًا ۗ لَهٗ مُلْكُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِۗ ثُمَّ اِلَيْهِ تُرْجَعُوْنَ  ( الزمر: ٤٤ )

Say
قُل
कह दीजिए
"To Allah (belongs)
لِّلَّهِ
अल्लाह ही के लिए है
the intercession
ٱلشَّفَٰعَةُ
शफ़ाअत/ सिफ़ारिश
all
جَمِيعًاۖ
सारी की सारी
For Him
لَّهُۥ
उसी के लिए है
(is the) dominion
مُلْكُ
बादशाहत
(of) the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
and the earth
وَٱلْأَرْضِۖ
और ज़मीन की
Then
ثُمَّ
फिर
to Him
إِلَيْهِ
तरफ़ उसी के
you will be returned"
تُرْجَعُونَ
तुम लौटाए जाओगे

Qul lillahi alshshafa'atu jamee'an lahu mulku alssamawati waalardi thumma ilayhi turja'oona (az-Zumar 39:44)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

कहो, 'सिफ़ारिश तो सारी की सारी अल्लाह के अधिकार में है। आकाशों और धरती की बादशाही उसी की है। फिर उसी की ओर तुम लौटाए जाओगे।'

English Sahih:

Say, "To Allah belongs [the right to allow] intercession entirely. To Him belongs the dominion of the heavens and the earth. Then to Him you will be returned." ([39] Az-Zumar : 44)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(तो भी सिफारिशी बनाओगे) तुम कह दो कि सारी सिफारिश तो ख़ुदा के लिए ख़ास है- सारे आसमान व ज़मीन की हुकूमत उसी के लिए ख़ास है, फिर तुम लोगों को उसकी तरफ लौट कर जाना है