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وَلَوْ اَنَّ لِلَّذِيْنَ ظَلَمُوْا مَا فِى الْاَرْضِ جَمِيْعًا وَّمِثْلَهٗ مَعَهٗ لَافْتَدَوْا بِهٖ مِنْ سُوْۤءِ الْعَذَابِ يَوْمَ الْقِيٰمَةِۗ وَبَدَا لَهُمْ مِّنَ اللّٰهِ مَا لَمْ يَكُوْنُوْا يَحْتَسِبُوْنَ  ( الزمر: ٤٧ )

And if
وَلَوْ
और अगर
And if
أَنَّ
बेशक हो
those who
لِلَّذِينَ
उनके लिए जिन्होंने
did wrong
ظَلَمُوا۟
ज़ुल्म किया
(had) whatever
مَا
जो कुछ
(is) in
فِى
ज़मीन में है
the earth
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में है
all
جَمِيعًا
सब का सब
and (the) like of it
وَمِثْلَهُۥ
और उसकी मानिन्द
with it
مَعَهُۥ
साथ उसके
they would ransom
لَٱفْتَدَوْا۟
अलबत्ता वे फ़िदये में दे दें
with it
بِهِۦ
उसे
from
مِن
(बचने के लिए) बुरे अज़ाब से
(the) evil
سُوٓءِ
(बचने के लिए) बुरे अज़ाब से
(of) the punishment
ٱلْعَذَابِ
(बचने के लिए) बुरे अज़ाब से
(on the) Day
يَوْمَ
दिन
(of) the Resurrection
ٱلْقِيَٰمَةِۚ
क़यामत के
And (will) appear
وَبَدَا
और ज़ाहिर हो जाएगा
to them
لَهُم
उनके लिए
from
مِّنَ
अल्लाह की तरफ़ से
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह की तरफ़ से
what
مَا
जो
not
لَمْ
ना
they had
يَكُونُوا۟
थे वो
taken into account
يَحْتَسِبُونَ
वो गुमान रखते

Walaw anna lillatheena thalamoo ma fee alardi jamee'an wamithlahu ma'ahu laiftadaw bihi min sooi al'athabi yawma alqiyamati wabada lahum mina Allahi ma lam yakoonoo yahtasiboona (az-Zumar 39:47)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जिन लोगों ने ज़ुल्म किया यदि उनके पास वह सब कुछ हो जो धरती में है और उसके साथ उतना ही और भी, तो वे क़ियामत के दिन बुरी यातना से बचने के लिए वह सब फ़िदया (प्राण-मुक्ति के बदले) में दे डाले। बात यह है कि अल्लाह की ओर से उनके सामने वह कुछ आ जाएगा जिसका वे गुमान तक न करते थे

English Sahih:

And if those who did wrong had all that is in the earth entirely and the like of it with it, they would [attempt to] ransom themselves thereby from the worst of the punishment on the Day of Resurrection. And there will appear to them from Allah that which they had not taken into account. ([39] Az-Zumar : 47)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और अगर नाफरमानों के पास रूए ज़मीन की सारी काएनात मिल जाएग बल्कि उनके साथ उतनी ही और भी हो तो क़यामत के दिन ये लोग यक़ीनन सख्त अज़ाब का फ़िदया दे निकलें (और अपना छुटकारा कराना चाहें) और (उस वक्त) उनके सामने ख़ुदा की तरफ से वह बात पेश आएगी जिसका उन्हें वहम व गुमान भी न था