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اَوْ تَقُوْلَ حِيْنَ تَرَى الْعَذَابَ لَوْ اَنَّ لِيْ كَرَّةً فَاَكُوْنَ مِنَ الْمُحْسِنِيْنَ  ( الزمر: ٥٨ )

Or
أَوْ
या
it should say
تَقُولَ
वो कहे
when
حِينَ
जिस वक़्त
it sees
تَرَى
वो देखे
the punishment
ٱلْعَذَابَ
अज़ाब
"If
لَوْ
काश
only
أَنَّ
ये कि (हो)
I had
لِى
मेरे लिए
another chance
كَرَّةً
एक बार पलटना
then I could be
فَأَكُونَ
तो मैं हो जाऊँ
among
مِنَ
नेकोकारों में से
the good-doers"
ٱلْمُحْسِنِينَ
नेकोकारों में से

Aw taqoola heena tara al'athaba law anna lee karratan faakoona mina almuhsineena (az-Zumar 39:58)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

या, जब वह यातना देखे तो कहने लगे, 'काश! मुझे एक बार फिर लौटकर जाना हो, तो मैं उत्तमकारों में सम्मिलित हो जाऊँ।'

English Sahih:

Or [lest] it say when it sees the punishment, "If only I had another turn so I could be among the doers of good." ([39] Az-Zumar : 58)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

या जब अज़ाब को (आते) देखें तो कहने लगे कि काश मुझे (दुनिया में) फिर दोबारा जाना मिले तो मैं नेकी कारों में हो जाऊँ