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يٰٓاَيُّهَا النَّاسُ اتَّقُوْا رَبَّكُمُ الَّذِيْ خَلَقَكُمْ مِّنْ نَّفْسٍ وَّاحِدَةٍ وَّخَلَقَ مِنْهَا زَوْجَهَا وَبَثَّ مِنْهُمَا رِجَالًا كَثِيْرًا وَّنِسَاۤءً ۚ وَاتَّقُوا اللّٰهَ الَّذِيْ تَسَاۤءَلُوْنَ بِهٖ وَالْاَرْحَامَ ۗ اِنَّ اللّٰهَ كَانَ عَلَيْكُمْ رَقِيْبًا  ( النساء: ١ )

O
يَٰٓأَيُّهَا
mankind!
ٱلنَّاسُ
लोगो
Fear
ٱتَّقُوا۟
डरो
your Lord
رَبَّكُمُ
अपने रब से
the One Who
ٱلَّذِى
वो जिसने
created you
خَلَقَكُم
पैदा किया तुम्हें
from
مِّن
एक जान से
a soul
نَّفْسٍ
एक जान से
single
وَٰحِدَةٍ
एक जान से
and created
وَخَلَقَ
और उसने पैदा की
from it
مِنْهَا
उसी से
its mate
زَوْجَهَا
बीवी उसकी
and dispersed
وَبَثَّ
और उसने फैला दिए
from both of them
مِنْهُمَا
उन दोनों से
men
رِجَالًا
मर्द
many
كَثِيرًا
बहुत से
and women
وَنِسَآءًۚ
और औरतें
And fear
وَٱتَّقُوا۟
और डरो
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह से
(through) Whom
ٱلَّذِى
वो जो
you ask
تَسَآءَلُونَ
तुम एक दूसरे से सवाल करते हो
[with it]
بِهِۦ
उसके वास्ते से
and the wombs
وَٱلْأَرْحَامَۚ
और रिश्तों को (काटने से)
Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
is
كَانَ
है
over you
عَلَيْكُمْ
तुम पर
Ever-Watchful
رَقِيبًا
निगरान

Ya ayyuha alnnasu ittaqoo rabbakumu allathee khalaqakum min nafsin wahidatin wakhalaqa minha zawjaha wabaththa minhuma rijalan katheeran wanisaan waittaqoo Allaha allathee tasaaloona bihi waalarhama inna Allaha kana 'alaykum raqeeban (an-Nisāʾ 4:1)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ऐ लोगों! अपने रब का डर रखों, जिसने तुमको एक जीव से पैदा किया और उसी जाति का उसके लिए जोड़ा पैदा किया और उन दोनों से बहुत-से पुरुष और स्त्रियाँ फैला दी। अल्लाह का डर रखो, जिसका वास्ता देकर तुम एक-दूसरे के सामने माँगें रखते हो। और नाते-रिश्तों का भी तुम्हें ख़याल रखना हैं। निश्चय ही अल्लाह तुम्हारी निगरानी कर रहा हैं

English Sahih:

O mankind, fear your Lord, who created you from one soul and created from it its mate and dispersed from both of them many men and women. And fear Allah, through whom you ask one another, and the wombs. Indeed Allah is ever, over you, an Observer. ([4] An-Nisa : 1)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ऐ लोगों अपने पालने वाले से डरो जिसने तुम सबको (सिर्फ) एक शख्स से पैदा किया और (वह इस तरह कि पहले) उनकी बाकी मिट्टी से उनकी बीवी (हव्वा) को पैदा किया और (सिर्फ़) उन्हीं दो (मियॉ बीवी) से बहुत से मर्द और औरतें दुनिया में फैला दिये और उस ख़ुदा से डरो जिसके वसीले से आपस में एक दूसरे से सवाल करते हो और क़तए रहम से भी डरो बेशक ख़ुदा तुम्हारी देखभाल करने वाला है