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وَالَّذِيْنَ اٰمَنُوْا بِاللّٰهِ وَرُسُلِهٖ وَلَمْ يُفَرِّقُوْا بَيْنَ اَحَدٍ مِّنْهُمْ اُولٰۤىِٕكَ سَوْفَ يُؤْتِيْهِمْ اُجُوْرَهُمْ ۗوَكَانَ اللّٰهُ غَفُوْرًا رَّحِيْمًا ࣖ   ( النساء: ١٥٢ )

And those who
وَٱلَّذِينَ
और वो जो
believe
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
in Allah
بِٱللَّهِ
अल्लाह पर
and His Messengers
وَرُسُلِهِۦ
और उसके रसूलों पर
and not
وَلَمْ
और नहीं
they differentiate
يُفَرِّقُوا۟
उन्होंने तफ़रीक़ की
between
بَيْنَ
दर्मियान
(any) one
أَحَدٍ
किसी एक के
of them
مِّنْهُمْ
उनमें से
those
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
soon
سَوْفَ
अनक़रीब
He will give them
يُؤْتِيهِمْ
वो देगा उन्हें
their reward
أُجُورَهُمْۗ
अजर उनका
And is
وَكَانَ
और है
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
Oft-Forgiving
غَفُورًا
बहुत बख़्शने वाला
Most Merciful
رَّحِيمًا
निहायत रहम करने वाला

Waallatheena amanoo biAllahi warusulihi walam yufarriqoo bayna ahadin minhum olaika sawfa yuteehim ojoorahum wakana Allahu ghafooran raheeman (an-Nisāʾ 4:152)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

रहे वे लोग जो अल्लाह और उसके रसूलों पर ईमान रखते है और उनमें से किसी को उस सम्बन्ध में पृथक नहीं करते जो उनके बीच पाया जाता है, ऐसे लोगों को अल्लाह शीघ्र ही उनके प्रतिदान प्रदान करेगा। अल्लाह बड़ा क्षमाशील, दयावान है

English Sahih:

But they who believe in Allah and His messengers and do not discriminate between any of them – to those He is going to give their rewards. And ever is Allah Forgiving and Merciful. ([4] An-Nisa : 152)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जो लोग ख़ुदा और उसके रसूलों पर ईमान लाए और उनमें से किसी में तफ़रक़ा नहीं करते तो ऐसे ही लोगों को ख़ुदा बहुत जल्द उनका अज्र अता फ़रमाएगा और ख़ुदा तो बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है