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فَاَمَّا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ فَيُوَفِّيْهِمْ اُجُوْرَهُمْ وَيَزِيْدُهُمْ مِّنْ فَضْلِهٖۚ وَاَمَّا الَّذِيْنَ اسْتَنْكَفُوْا وَاسْتَكْبَرُوْا فَيُعَذِّبُهُمْ عَذَابًا اَلِيْمًاۙ وَّلَا يَجِدُوْنَ لَهُمْ مِّنْ دُوْنِ اللّٰهِ وَلِيًّا وَّلَا نَصِيْرًا  ( النساء: ١٧٣ )

Then as for
فَأَمَّا
तो रहे
those who
ٱلَّذِينَ
वो जो
believed
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
and did
وَعَمِلُوا۟
और उन्होंने अमल किए
the righteous deeds
ٱلصَّٰلِحَٰتِ
नेक
then He will give them in full
فَيُوَفِّيهِمْ
पस वो पूरे-पूरे देगा उन्हें
their reward
أُجُورَهُمْ
अजर उनके
and give them more
وَيَزِيدُهُم
और वो ज़्यादा देगा उन्हें
from
مِّن
अपने फ़ज़ल से
His Bounty
فَضْلِهِۦۖ
अपने फ़ज़ल से
And as for
وَأَمَّا
और रहे
those who
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
disdained
ٱسْتَنكَفُوا۟
आर महसूस की
and were arrogant
وَٱسْتَكْبَرُوا۟
और उन्होंने तकब्बुर किया
then He will punish them
فَيُعَذِّبُهُمْ
तो वो अज़ाब देगा उन्हें
(with) a punishment
عَذَابًا
अज़ाब
painful
أَلِيمًا
दर्दनाक
and not
وَلَا
और नहीं
will they find
يَجِدُونَ
वो पाऐंगे
for themselves
لَهُم
अपने लिए
from
مِّن
सिवाय
besides
دُونِ
सिवाय
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के
any protector
وَلِيًّا
कोई हिमायती
and not
وَلَا
और ना
any helper
نَصِيرًا
कोई मददगार

Faamma allatheena amanoo wa'amiloo alssalihati fayuwaffeehim ojoorahum wayazeeduhum min fadlihi waamma allatheena istankafoo waistakbaroo fayu'aththibuhum 'athaban aleeman wala yajidoona lahum min dooni Allahi waliyyan wala naseeran (an-Nisāʾ 4:173)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अतः जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, जो अल्लाह उन्हें उनका पूरा-पूरा बदला देगा और अपने उदार अनुग्रह से उन्हें और अधिक प्रदान करेगा। और जिन लोगों ने बन्दगी को बुरा समझा और घमंड किया, तो उन्हें वह दुखद यातना देगा। और वे अल्लाह से बच सकने के लिए न अपना कोई निकट का समर्थक पाएँगे और न ही कोई सहायक

English Sahih:

And as for those who believed and did righteous deeds, He will give them in full their rewards and grant them extra from His bounty. But as for those who disdained and were arrogant, He will punish them with a painful punishment, and they will not find for themselves besides Allah any protector or helper. ([4] An-Nisa : 173)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

पस जिन लोगों ने ईमान कुबूल किया है और अच्छे (अच्छे) काम किए हैं उनका उन्हें सवाब पूरा पूरा भर देगा बल्कि अपने फ़ज़ल (व करम) से कुछ और ज्यादा ही देगा और लोग उसका बन्दा होने से इन्कार करते थे और शेख़ी करते थे उन्हें तो दर्दनाक अज़ाब में मुब्तिला करेगा और लुत्फ़ ये है कि वह लोग ख़ुदा के सिवा न अपना सरपरस्त ही पाएंगे और न मददगार