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وَاٰتُوا النِّسَاۤءَ صَدُقٰتِهِنَّ نِحْلَةً ۗ فَاِنْ طِبْنَ لَكُمْ عَنْ شَيْءٍ مِّنْهُ نَفْسًا فَكُلُوْهُ هَنِيْۤـًٔا مَّرِيْۤـًٔا   ( النساء: ٤ )

And give
وَءَاتُوا۟
और दो
the women
ٱلنِّسَآءَ
औरतों को
their dower
صَدُقَٰتِهِنَّ
महर उनके
graciously
نِحْلَةًۚ
ख़ुश दिली से
But if
فَإِن
फिर अगर
they remit
طِبْنَ
वो ख़ुशी से दे दें
to you
لَكُمْ
तुम्हें
of
عَن
कोई चीज़
anything
شَىْءٍ
कोई चीज़
of it
مِّنْهُ
उसमें से
(on their) own
نَفْسًا
ख़ुद
then eat it
فَكُلُوهُ
तो खाओ उसे
(in) satisfaction
هَنِيٓـًٔا
ख़ुशी से
(and) ease
مَّرِيٓـًٔا
ख़ुशगवार (समझ कर)

Waatoo alnnisaa saduqatihinna nihlatan fain tibna lakum 'an shayin minhu nafsan fakuloohu haneean mareean (an-Nisāʾ 4:4)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और स्त्रियों को उनके मह्रा ख़ुशी से अदा करो। हाँ, यदि वे अपनी ख़ुशी से उसमें से तुम्हारे लिए छोड़ दे तो उसे तुम अच्छा और पाक समझकर खाओ

English Sahih:

And give the women [upon marriage] their [bridal] gifts graciously. But if they give up willingly to you anything of it, then take it in satisfaction and ease. ([4] An-Nisa : 4)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और औरतों को उनके महर ख़ुशी ख़ुशी दे डालो फिर अगर वह ख़ुशी ख़ुशी तुम्हें कुछ छोड़ दे तो शौक़ से नौशे जान खाओ पियो