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حَتّٰىٓ اِذَا مَا جَاۤءُوْهَا شَهِدَ عَلَيْهِمْ سَمْعُهُمْ وَاَبْصَارُهُمْ وَجُلُوْدُهُمْ بِمَا كَانُوْا يَعْمَلُوْنَ   ( فصلت: ٢٠ )

Until
حَتَّىٰٓ
यहाँ तक कि
when
إِذَا
जैसे ही
when
مَا
जैसे ही
they come to it
جَآءُوهَا
वो आऐंगे उसके पास
(will) testify
شَهِدَ
गवाही देंगे
against them
عَلَيْهِمْ
ख़िलाफ़ उनके
their hearing
سَمْعُهُمْ
कान उनके
and their sight
وَأَبْصَٰرُهُمْ
और निगाहें उनकी
and their skins
وَجُلُودُهُم
और जिल्दें उनकी
(as) to what
بِمَا
बवजह उसके जो
they used (to)
كَانُوا۟
थे वो
do
يَعْمَلُونَ
वो अमल करते

Hatta itha ma jaooha shahida 'alayhim sam'uhum waabsaruhum wajulooduhum bima kanoo ya'maloona (Fuṣṣilat 41:20)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

तो उनके कान और उनकी आँखें और उनकी खालें उनके विरुद्ध उन बातों की गवाही देंगी, जो कुछ वे करते रहे होंगे

English Sahih:

Until, when they reach it, their hearing and their eyes and their skins will testify against them of what they used to do. ([41] Fussilat : 20)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

यहाँ तक की जब सब के सब जहन्नुम के पास जाएँगे तो उनके कान और उनकी ऑंखें और उनके (गोश्त पोस्त) उनके ख़िलाफ उनके मुक़ाबले में उनकी कारस्तानियों की गवाही देगें