وَذٰلِكُمْ ظَنُّكُمُ الَّذِيْ ظَنَنْتُمْ بِرَبِّكُمْ اَرْدٰىكُمْ فَاَصْبَحْتُمْ مِّنَ الْخٰسِرِيْنَ ( فصلت: ٢٣ )
And that
وَذَٰلِكُمْ
और ये
(was) your assumption
ظَنُّكُمُ
गुमान तुम्हारा
which
ٱلَّذِى
वो जो
you assumed
ظَنَنتُم
गुमान किया तुमने
about your Lord
بِرَبِّكُمْ
अपने रब के बारे में
It has ruined you
أَرْدَىٰكُمْ
उसने हलाक कर दिया तुम्हें
and you have become
فَأَصْبَحْتُم
तो हो गए तुम
of
مِّنَ
ख़सारा पाने वालों में से
the losers
ٱلْخَٰسِرِينَ
ख़सारा पाने वालों में से
Wathalikum thannukumu allathee thanantum birabbikum ardakum faasbahtum mina alkhasireena (Fuṣṣilat 41:23)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और तुम्हारे उस गुमान ने तुम्हे बरबाद किया जो तुमने अपने रब के साथ किया; अतः तुम घाटे में पड़कर रहे
English Sahih:
And that was your assumption which you assumed about your Lord. It has brought you to ruin, and you have become among the losers." ([41] Fussilat : 23)