فَاطِرُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِۗ جَعَلَ لَكُمْ مِّنْ اَنْفُسِكُمْ اَزْوَاجًا وَّمِنَ الْاَنْعَامِ اَزْوَاجًاۚ يَذْرَؤُكُمْ فِيْهِۗ لَيْسَ كَمِثْلِهٖ شَيْءٌ ۚوَهُوَ السَّمِيْعُ الْبَصِيْرُ ( الشورى: ١١ )
Fatiru alssamawati waalardi ja'ala lakum min anfusikum azwajan wamina alan'ami azwajan yathraokum feehi laysa kamithlihi shayon wahuwa alssamee'u albaseeru (aš-Šūrā 42:11)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
वह आकाशों और धरती का पैदा करनेवाला है। उसने तुम्हारे लिए तुम्हारी अपनी सहजाति से जोड़े बनाए और चौपायों के जोड़े भी। फैला रहा है वह तुमको अपने में। उसके सदृश कोई चीज़ नहीं। वही सबकुछ सुनता, देखता है
English Sahih:
[He is] Creator of the heavens and the earth. He has made for you from yourselves, mates, and among the cattle, mates; He multiplies you thereby. There is nothing like unto Him, and He is the Hearing, the Seeing. ([42] Ash-Shuraa : 11)