يَسْتَعْجِلُ بِهَا الَّذِيْنَ لَا يُؤْمِنُوْنَ بِهَاۚ وَالَّذِيْنَ اٰمَنُوْا مُشْفِقُوْنَ مِنْهَاۙ وَيَعْلَمُوْنَ اَنَّهَا الْحَقُّ ۗ اَلَآ اِنَّ الَّذِيْنَ يُمَارُوْنَ فِى السَّاعَةِ لَفِيْ ضَلٰلٍۢ بَعِيْدٍ ( الشورى: ١٨ )
Yasta'jilu biha allatheena la yuminoona biha waallatheena amanoo mushfiqoona minha waya'lamoona annaha alhaqqu ala inna allatheena yumaroona fee alssa'ati lafee dalalin ba'eedin (aš-Šūrā 42:18)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उसकी जल्दी वे लोग मचाते है जो उसपर ईमान नहीं रखते, किन्तु जो ईमान रखते है वे तो उससे डरते है और जानते है कि वह सत्य है। जान लो, जो लोग उस घड़ी के बारे में सन्देह डालनेवाली बहसें करते है, वे परले दरजे की गुमराही में पड़े हुए है
English Sahih:
Those who do not believe in it are impatient for it, but those who believe are fearful of it and know that it is the truth. Unquestionably, those who dispute concerning the Hour are in extreme error. ([42] Ash-Shuraa : 18)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(फिर ये ग़फ़लत कैसी) जो लोग इस पर ईमान नहीं रखते वह तो इसके लिए जल्दी कर रहे हैं और जो मोमिन हैं वह उससे डरते हैं और जानते हैं कि क़यामत यक़ीनी बरहक़ है आगाह रहो कि जो लोग क़यामत के बारे में शक़ किया करते हैं वह बड़े परले दर्जे की गुमराही में हैं