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تَرَى الظّٰلِمِيْنَ مُشْفِقِيْنَ مِمَّا كَسَبُوْا وَهُوَ وَاقِعٌۢ بِهِمْ ۗوَالَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ فِيْ رَوْضٰتِ الْجَنّٰتِۚ لَهُمْ مَّا يَشَاۤءُوْنَ عِنْدَ رَبِّهِمْ ۗذٰلِكَ هُوَ الْفَضْلُ الْكَبِيْرُ   ( الشورى: ٢٢ )

You will see
تَرَى
आप देखेंगे
the wrongdoers
ٱلظَّٰلِمِينَ
ज़लिमों को
fearful
مُشْفِقِينَ
डरने वाले होंगे
of what
مِمَّا
उससे जो
they earned
كَسَبُوا۟
उन्होंने कमाई की
and it
وَهُوَ
और वो
(will) befall
وَاقِعٌۢ
वाक़ेअ होने वाला है
[on] them
بِهِمْۗ
उन पर
And those who
وَٱلَّذِينَ
और वो जो
believe
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
and do
وَعَمِلُوا۟
और उन्होंने अमल किए
righteous deeds
ٱلصَّٰلِحَٰتِ
नेक
(will be) in
فِى
बाग़ों में होंगे
flowering meadows
رَوْضَاتِ
बाग़ों में होंगे
(of) the Gardens
ٱلْجَنَّاتِۖ
जन्नतों के
for them
لَهُم
उनके लिए होगा
(is) whatever
مَّا
जो
they wish
يَشَآءُونَ
वो चाहेंगे
with
عِندَ
पास
their Lord
رَبِّهِمْۚ
उनके रब के
That -
ذَٰلِكَ
यही
it
هُوَ
वो
(is) the Bounty
ٱلْفَضْلُ
फ़ज़ल है
the Great
ٱلْكَبِيرُ
बहुत बड़ा

Tara alththalimeena mushfiqeena mimma kasaboo wahuwa waqi'un bihim waallatheena amanoo wa'amiloo alssalihati fee rawdati aljannati lahum ma yashaoona 'inda rabbihim thalika huwa alfadlu alkabeeru (aš-Šūrā 42:22)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

तुम ज़ालिमों को देखोगे कि उन्होंने जो कुछ कमाया उससे डर रहे होंगे, किन्तु वह तो उनपर पड़कर रहेगा। किन्तु जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, वे जन्न्तों की वाटिकाओं में होंगे। उनके लिए उनके रब के पास वह सब कुछ है जिसकी वे इच्छा करेंगे। वही तो बड़ा उदार अनुग्रह है

English Sahih:

You will see the wrongdoers fearful of what they have earned, and it will [certainly] befall them. And those who have believed and done righteous deeds will be in lush regions of the gardens [in Paradise] having whatever they will in the presence of their Lord. That is what is the great bounty. ([42] Ash-Shuraa : 22)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(क़यामत के दिन) देखोगे कि ज़ालिम लोग अपने आमाल (के वबाल) से डर रहे होंगे और वह उन पर पड़ कर रहेगा और जिन्होने ईमान क़ुबूल किया और अच्छे काम किए वह बेहिश्त के बाग़ों में होंगे वह जो कुछ चाहेंगे उनके लिए उनके परवरदिगार की बारगाह में (मौजूद) है यही तो (ख़ुदा का) बड़ा फज़ल है