اَمْ يَقُوْلُوْنَ افْتَرٰى عَلَى اللّٰهِ كَذِبًاۚ فَاِنْ يَّشَاِ اللّٰهُ يَخْتِمْ عَلٰى قَلْبِكَ ۗوَيَمْحُ اللّٰهُ الْبَاطِلَ وَيُحِقُّ الْحَقَّ بِكَلِمٰتِهٖ ۗاِنَّهٗ عَلِيْمٌ ۢبِذَاتِ الصُّدُوْرِ ( الشورى: ٢٤ )
Am yaqooloona iftara 'ala Allahi kathiban fain yashai Allahu yakhtim 'ala qalbika wayamhu Allahu albatila wayuhiqqu alhaqqa bikalimatihi innahu 'aleemun bithati alssudoori (aš-Šūrā 42:24)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
(क्या वे ईमान नहीं लाएँगे) या उनका कहना है कि 'इस व्यक्ति ने अल्लाह पर मिथ्यारोपण किया है?' यदि अल्लाह चाहे तो तुम्हारे दिल पर मुहर लगा दे (जिस प्रकार उसने इनकार करनेवालों के दिल पर मुहर लगा दी है) । अल्लाह तो असत्य को मिटा रहा है और सत्य को अपने बोलों से सिद्ध कर रहा है। निश्चय ही वह सीनों तक की बात को भी भली-भाँति जानता है
English Sahih:
Or do they say, "He has invented about Allah a lie"? But if Allah willed, He could seal over your heart. And Allah eliminates falsehood and establishes the truth by His words. Indeed, He is Knowing of that within the breasts. ([42] Ash-Shuraa : 24)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
क्या ये लोग (तुम्हारी निस्बत कहते हैं कि इस (रसूल) ने ख़ुदा पर झूठा बोहतान बाँधा है तो अगर (ऐसा) होता तो) ख़ुदा चाहता तो तुम्हारे दिल पर मोहर लगा देता (कि तुम बात ही न कर सकते) और ख़ुदा तो झूठ को नेस्तनाबूद और अपनी बातों से हक़ को साबित करता है वह यक़ीनी दिलों के राज़ से ख़ूब वाक़िफ है