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بَلْ قَالُوْٓا اِنَّا وَجَدْنَآ اٰبَاۤءَنَا عَلٰٓى اُمَّةٍ وَّاِنَّا عَلٰٓى اٰثٰرِهِمْ مُّهْتَدُوْنَ   ( الزخرف: ٢٢ )

Nay
بَلْ
बल्कि
they say
قَالُوٓا۟
उन्होंने कहा
"Indeed we
إِنَّا
बेशक हम
[we] found
وَجَدْنَآ
पाया हमने
our forefathers
ءَابَآءَنَا
अपने आबा ओ अजदाद को
upon
عَلَىٰٓ
एक तरीक़े पर
a religion
أُمَّةٍ
एक तरीक़े पर
and indeed we
وَإِنَّا
और बेशक हम
on
عَلَىٰٓ
उन्हीं के नक़्शे क़दम पर
their footsteps
ءَاثَٰرِهِم
उन्हीं के नक़्शे क़दम पर
(are) guided"
مُّهْتَدُونَ
राह पाने वाले हैं

Bal qaloo inna wajadna abaana 'ala ommatin wainna 'ala atharihim muhtadoona (az-Zukhruf 43:22)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

नहीं, बल्कि वे कहते है, 'हमने तो अपने बाप-दादा को एक तरीक़े पर पाया और हम उन्हीं के पद-चिन्हों पर हैं, सीधे मार्ग पर चल रहे है।'

English Sahih:

Rather, they say, "Indeed, we found our fathers upon a religion, and we are in their footsteps [rightly] guided." ([43] Az-Zukhruf : 22)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

बल्कि ये लोग तो ये कहते हैं कि हमने अपने बाप दादाओं को एक तरीके पर पाया और हम उनको क़दम ब क़दम ठीक रास्ते पर चले जा रहें हैं