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وَلَا يَمْلِكُ الَّذِيْنَ يَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِهِ الشَّفَاعَةَ اِلَّا مَنْ شَهِدَ بِالْحَقِّ وَهُمْ يَعْلَمُوْنَ  ( الزخرف: ٨٦ )

And not
وَلَا
और नहीं
have power
يَمْلِكُ
वो इख़्तियार रखते
those whom
ٱلَّذِينَ
जिन्हें
they invoke
يَدْعُونَ
वो पुकारते हैं
besides Him
مِن
उसके सिवा
besides Him
دُونِهِ
उसके सिवा
(for) the intercession
ٱلشَّفَٰعَةَ
शफ़ाअत का
except
إِلَّا
मगर
who
مَن
जो
testifies
شَهِدَ
गवाही दे
to the truth
بِٱلْحَقِّ
साथ हक़ के
and they
وَهُمْ
और वो
know
يَعْلَمُونَ
वो जानते हों

Wala yamliku allatheena yad'oona min doonihi alshshafa'ata illa man shahida bialhaqqi wahum ya'lamoona (az-Zukhruf 43:86)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और जिन्हें वे उसके और अपने बीच माध्यम ठहराकर पुकारते है, उन्हें सिफ़ारिश का कुछ भी अधिकार नहीं, बस उसे ही यह अधिकार प्राप्त, है जो हक की गवाही दे, और ऐसे लोग जानते है।-

English Sahih:

And those they invoke besides Him do not possess [power of] intercession; but only those who testify to the truth [can benefit], and they know. ([43] Az-Zukhruf : 86)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और ख़ुदा के सिवा जिनकी ये लोग इबादत करतें हैं वह तो सिफारिश का भी एख्तेयार नहीं रख़ते मगर (हॉ) जो लोग समझ बूझ कर हक़ बात (तौहीद) की गवाही दें (तो खैर)