لَا يَذُوْقُوْنَ فِيْهَا الْمَوْتَ اِلَّا الْمَوْتَةَ الْاُوْلٰىۚ وَوَقٰىهُمْ عَذَابَ الْجَحِيْمِۙ ( الدخان: ٥٦ )
Not
لَا
ना वो चखेंगे
they will taste
يَذُوقُونَ
ना वो चखेंगे
therein
فِيهَا
उसमें
the death
ٱلْمَوْتَ
मौत को
except
إِلَّا
सिवाय
the death
ٱلْمَوْتَةَ
मौत
the first
ٱلْأُولَىٰۖ
पहली के
And He will protect them
وَوَقَىٰهُمْ
और वो बचा लेगा उन्हें
(from the) punishment
عَذَابَ
अज़ाब से
(of) the Hellfire
ٱلْجَحِيمِ
जहन्नम के
La yathooqoona feeha almawta illa almawtata aloola wawaqahum 'athaba aljaheemi (ad-Dukhān 44:56)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
वहाँ वे मृत्यु का मज़ा कभी न चखेगे। बस पहली मृत्यु जो हुई, सो हुई। और उसने उन्हें भड़कती हुई आग की यातना से बचा लिया
English Sahih:
They will not taste death therein except the first death, and He will have protected them from the punishment of Hellfire ([44] Ad-Dukhan : 56)