Skip to main content

وَقَالُوْا مَا هِيَ اِلَّا حَيَاتُنَا الدُّنْيَا نَمُوْتُ وَنَحْيَا وَمَا يُهْلِكُنَآ اِلَّا الدَّهْرُۚ وَمَا لَهُمْ بِذٰلِكَ مِنْ عِلْمٍۚ اِنْ هُمْ اِلَّا يَظُنُّوْنَ  ( الجاثية: ٢٤ )

And they say
وَقَالُوا۟
और उन्होंने कहा
"Not
مَا
नहीं है
it
هِىَ
ये
(is) but
إِلَّا
मगर
our life
حَيَاتُنَا
ज़िन्दगी हमारी
(of) the world
ٱلدُّنْيَا
दुनिया की
we die
نَمُوتُ
हम मरते हैं
and we live
وَنَحْيَا
और हम जीते हैं
and not
وَمَا
और नहीं
destroys us
يُهْلِكُنَآ
हलाक करता हमें
except
إِلَّا
मगर
the time"
ٱلدَّهْرُۚ
ज़माना
And not
وَمَا
और नहीं
for them
لَهُم
उन्हें
of that
بِذَٰلِكَ
उसका
any
مِنْ
कोई इल्म
knowledge;
عِلْمٍۖ
कोई इल्म
not
إِنْ
नहीं हैं
they
هُمْ
वो
(do) but
إِلَّا
मगर
guess
يَظُنُّونَ
वो गुमान करते

Waqaloo ma hiya illa hayatuna alddunya namootu wanahya wama yuhlikuna illa alddahru wama lahum bithalika min 'ilmin in hum illa yathunnoona (al-Jāthiyah 45:24)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वे कहते है, 'वह तो बस हमारा सांसारिक जीवन ही है। हम मरते और जीते है। हमें तो बस काल (समय) ही विनष्ट करता है।' हालाँकि उनके पास इसका कोई ज्ञान नहीं। वे तो बस अटकलें ही दौड़ाते है

English Sahih:

And they say, "There is not but our worldly life; we die and live, and nothing destroys us except time." And they have of that no knowledge; they are only assuming. ([45] Al-Jathiyah : 24)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और वह लोग कहते हैं कि हमारी ज़िन्दगी तो बस दुनिया ही की है (यहीं) मरते हैं और (यहीं) जीते हैं और हमको बस ज़माना ही (जिलाता) मारता है और उनको इसकी कुछ ख़बर तो है नहीं ये लोग तो बस अटकल की बातें करते हैं