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وَلِلّٰهِ مُلْكُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِۗ وَيَوْمَ تَقُوْمُ السَّاعَةُ يَوْمَىِٕذٍ يَّخْسَرُ الْمُبْطِلُوْنَ  ( الجاثية: ٢٧ )

And for Allah
وَلِلَّهِ
और अल्लाह ही के लिए है
(is the) dominion
مُلْكُ
बादशाहत
(of) the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
and the earth;
وَٱلْأَرْضِۚ
और ज़मीन की
and (the) Day
وَيَوْمَ
और जिस दिन
is established
تَقُومُ
क़ायम होगी
the Hour
ٱلسَّاعَةُ
क़यामत
that Day
يَوْمَئِذٍ
उस दिन
will lose
يَخْسَرُ
ख़सारा पाऐंगे
the falsifiers
ٱلْمُبْطِلُونَ
बातिल परस्त

Walillahi mulku alssamawati waalardi wayawma taqoomu alssa'atu yawmaithin yakhsaru almubtiloona (al-Jāthiyah 45:27)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

आकाशों और धरती की बादशाही अल्लाह ही की है। और जिस दिन वह घड़ी घटित होगी उस दिन झूठवाले घाटे में होंगे

English Sahih:

And to Allah belongs the dominion of the heavens and the earth. And the Day the Hour appears – that Day the falsifiers will lose. ([45] Al-Jathiyah : 27)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और सारे आसमान व ज़मीन की बादशाहत ख़ास ख़ुदा की है और जिस रोज़ क़यामत बरपा होगी उस रोज़ अहले बातिल बड़े घाटे में रहेंगे