هٰذَا كِتٰبُنَا يَنْطِقُ عَلَيْكُمْ بِالْحَقِّ ۗاِنَّا كُنَّا نَسْتَنْسِخُ مَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ( الجاثية: ٢٩ )
This
هَٰذَا
ये है
Our Record
كِتَٰبُنَا
किताब हमारी
speaks
يَنطِقُ
जो बोलती है
about you
عَلَيْكُم
तुम पर
in truth
بِٱلْحَقِّۚ
साथ हक़ के
Indeed We
إِنَّا
बेशक हम
[We] used (to)
كُنَّا
थे हम
transcribe
نَسْتَنسِخُ
हम लिखवाते
what
مَا
जो
you used (to)
كُنتُمْ
थे तुम
do"
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते
Hatha kitabuna yantiqu 'alaykum bialhaqqi inna kunna nastansikhu ma kuntum ta'maloona (al-Jāthiyah 45:29)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
'यह हमारी किताब है, जो तुम्हारे मुक़ाबले में ठीक-ठीक बोल रही है। निश्चय ही हम लिखवाते रहे हैं जो कुछ तुम करते थे।'
English Sahih:
This, Our record, speaks about you in truth. Indeed, We were having transcribed whatever you used to do." ([45] Al-Jathiyah : 29)