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وَقِيْلَ الْيَوْمَ نَنْسٰىكُمْ كَمَا نَسِيْتُمْ لِقَاۤءَ يَوْمِكُمْ هٰذَاۙ وَمَأْوٰىكُمُ النَّارُ وَمَا لَكُمْ مِّنْ نّٰصِرِيْنَ  ( الجاثية: ٣٤ )

And it will be said
وَقِيلَ
और कह दिया जाएगा
"Today
ٱلْيَوْمَ
आज
We forget you
نَنسَىٰكُمْ
हम भुला देंगे तुम्हें
as
كَمَا
जैसा कि
you forgot
نَسِيتُمْ
भुला दिया तुमने
(the) meeting
لِقَآءَ
मुलाक़ात को
(of) this Day of yours
يَوْمِكُمْ
अपने इस दिन की
(of) this Day of yours
هَٰذَا
अपने इस दिन की
and your abode
وَمَأْوَىٰكُمُ
और ठिकाना तुम्हारा
(is) the Fire
ٱلنَّارُ
आग है
and not
وَمَا
और नहीं
for you
لَكُم
तुम्हारे लिए
any
مِّن
मददगारों में से कोई
helpers
نَّٰصِرِينَ
मददगारों में से कोई

Waqeela alyawma nansakum kama naseetum liqaa yawmikum hatha wamawakumu alnnaru wama lakum min nasireena (al-Jāthiyah 45:34)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और कह दिया जाएगा कि 'आज हम तुम्हें भुला देते हैं जैसे तुमने इस दिन की भेंट को भुला रखा था। तुम्हारा ठिकाना अब आग है और तुम्हारा कोई सहायक नहीं

English Sahih:

And it will be said, "Today We will forget you as you forgot the meeting of this Day of yours, and your refuge is the Fire, and for you there are no helpers. ([45] Al-Jathiyah : 34)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (उनसे) कहा जाएगा कि जिस तरह तुमने उस दिन के आने को भुला दिया था उसी तरह आज हम तुमको अपनी रहमत से अमदन भुला देंगे और तुम्हारा ठिकाना दोज़ख़ है और कोई तुम्हारा मददगार नहीं