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وَلَنَبْلُوَنَّكُمْ حَتّٰى نَعْلَمَ الْمُجٰهِدِيْنَ مِنْكُمْ وَالصّٰبِرِيْنَۙ وَنَبْلُوَا۟ اَخْبَارَكُمْ   ( محمد: ٣١ )

And surely We will test you
وَلَنَبْلُوَنَّكُمْ
और अलबत्ता हम ज़रूर आज़माऐंगे तुम्हें
until
حَتَّىٰ
यहाँ तक कि
We make evident
نَعْلَمَ
हम जान लें
those who strive
ٱلْمُجَٰهِدِينَ
मुजाहिदों को
among you
مِنكُمْ
तुम में से
and the patient ones
وَٱلصَّٰبِرِينَ
और सब्र करने वालों को
and We will test
وَنَبْلُوَا۟
और हम आज़माऐंगे
your affairs
أَخْبَارَكُمْ
तुम्हारे हालात को

Walanabluwannakum hatta na'lama almujahideena minkum waalssabireena wanabluwa akhbarakum (Muḥammad 47:31)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

हम अवश्य तुम्हारी परीक्षा करेंगे, यहाँ तक कि हम तुममें से जो जिहाद करनेवाले है और जो दृढ़तापूर्वक जमे रहनेवाले है उनको जान ले और तुम्हारी हालतों को जाँच लें

English Sahih:

And We will surely test you until We make evident those who strive among you [for the cause of Allah] and the patient, and We will test your affairs. ([47] Muhammad : 31)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और हम तुम लोगों को ज़रूर आज़माएँगे ताकि तुममें जो लोग जेहाद करने वाले और (तकलीफ़) झेलने वाले हैं उनको देख लें और तुम्हारे हालात जाँच लें