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لِّيَغْفِرَ لَكَ اللّٰهُ مَا تَقَدَّمَ مِنْ ذَنْۢبِكَ وَمَا تَاَخَّرَ وَيُتِمَّ نِعْمَتَهٗ عَلَيْكَ وَيَهْدِيَكَ صِرَاطًا مُّسْتَقِيْمًاۙ  ( الفتح: ٢ )

That may forgive
لِّيَغْفِرَ
ताकि बख़्श दे
for you
لَكَ
आपके लिए
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
what
مَا
जो
preceded
تَقَدَّمَ
पहले हुआ
of
مِن
आपके क़ुसूर में से
your fault
ذَنۢبِكَ
आपके क़ुसूर में से
and what
وَمَا
और जो
will follow
تَأَخَّرَ
बाद में हुआ
and complete
وَيُتِمَّ
और वो पूरा कर दे
His favor
نِعْمَتَهُۥ
अपनी नेअमत को
upon you
عَلَيْكَ
आप पर
and guide you
وَيَهْدِيَكَ
और वो रहनुमाई करे आपकी
(to) a Path
صِرَٰطًا
(तरफ़) रास्ते
Straight
مُّسْتَقِيمًا
सीधे के

Liyaghfira laka Allahu ma taqaddama min thanbika wama taakhkhara wayutimma ni'matahu 'alayka wayahdiyaka siratan mustaqeeman (al-Fatḥ 48:2)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ताकि अल्लाह तुम्हारे अगले और पिछले गुनाहों को क्षमा कर दे और तुमपर अपनी अनुकम्पा पूर्ण कर दे और तुम्हें सीधे मार्ग पर चलाए,

English Sahih:

That Allah may forgive for you what preceded of your sin [i.e., errors] and what will follow and complete His favor upon you and guide you to a straight path ([48] Al-Fath : 2)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ताकि ख़ुदा तुम्हारी उम्मत के अगले और पिछले गुनाह माफ़ कर दे और तुम पर अपनी नेअमत पूरी करे और तुम्हें सीधी राह पर साबित क़दम रखे