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يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوا اذْكُرُوْا نِعْمَتَ اللّٰهِ عَلَيْكُمْ اِذْ هَمَّ قَوْمٌ اَنْ يَّبْسُطُوْٓا اِلَيْكُمْ اَيْدِيَهُمْ فَكَفَّ اَيْدِيَهُمْ عَنْكُمْۚ وَاتَّقُوا اللّٰهَ ۗوَعَلَى اللّٰهِ فَلْيَتَوَكَّلِ الْمُؤْمِنُوْنَ ࣖ   ( المائدة: ١١ )

O you
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
who
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
believe!
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए हो
Remember
ٱذْكُرُوا۟
याद करो
(the) Favor
نِعْمَتَ
नेअमत को
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह की
upon you
عَلَيْكُمْ
जो तुम पर है
when
إِذْ
जब
(were) determined
هَمَّ
इरादा किया
a people
قَوْمٌ
एक क़ौम ने
[to]
أَن
कि
stretch
يَبْسُطُوٓا۟
वो बढ़ाऐं
towards you
إِلَيْكُمْ
तरफ़ तुम्हारे
their hands
أَيْدِيَهُمْ
हाथ अपने
but He restrained
فَكَفَّ
तो उसने रोक दिए
their hands
أَيْدِيَهُمْ
हाथ उनके
from you
عَنكُمْۖ
तुमसे
And fear
وَٱتَّقُوا۟
और डरो
Allah
ٱللَّهَۚ
अल्लाह से
And upon
وَعَلَى
और अल्लाह ही पर
Allah
ٱللَّهِ
और अल्लाह ही पर
so let put the trust
فَلْيَتَوَكَّلِ
पस चाहिए कि तवक्कल करें
the believers
ٱلْمُؤْمِنُونَ
ईमान वाले

Ya ayyuha allatheena amanoo othkuroo ni'mata Allahi 'alaykum ith hamma qawmun an yabsutoo ilaykum aydiyahum fakaffa aydiyahum 'ankum waittaqoo Allaha wa'ala Allahi falyatawakkali almuminoona (al-Māʾidah 5:11)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ऐ ईमान लेनेवालो! अल्लाह के उस अनुग्रह को याद करो जो उसने तुमपर किया है, जबकि कुछ लोगों ने तुम्हारी ओर हाथ बढ़ाने का निश्चय कर लिया था तो उसने उनके हाथ तुमसे रोक दिए। अल्लाह का डर रखो, और ईमानवालों को अल्लाह ही पर भरोसा करना चाहिए

English Sahih:

O you who have believed, remember the favor of Allah upon you when a people determined to extend their hands [in aggression] against you, but He withheld their hands from you; and fear Allah. And upon Allah let the believers rely. ([5] Al-Ma'idah : 11)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ऐ ईमानदारों ख़ुदा ने जो एहसानात तुमपर किए हैं उनको याद करो और ख़ूसूसन जब एक क़बीले ने तुम पर दस्त दराज़ी का इरादा किया था तो ख़ुदा ने उनके हाथों को तुम तक पहुंचने से रोक दिया और ख़ुदा से डरते रहो और मोमिनीन को ख़ुदा ही पर भरोसा रखना चाहिए