فَاَثَابَهُمُ اللّٰهُ بِمَا قَالُوْا جَنّٰتٍ تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِيْنَ فِيْهَاۗ وَذٰلِكَ جَزَاۤءُ الْمُحْسِنِيْنَ ( المائدة: ٨٥ )
So rewarded them
فَأَثَٰبَهُمُ
पस बदले में दिया उन्हें
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
for what
بِمَا
बवजह उसके जो
they said
قَالُوا۟
उन्होंने कहा
(with) Gardens
جَنَّٰتٍ
बाग़ात को
flows
تَجْرِى
बहती हैं
from
مِن
उनके नीचे से
underneath them
تَحْتِهَا
उनके नीचे से
the rivers
ٱلْأَنْهَٰرُ
नहरें
will abide forever
خَٰلِدِينَ
हमेशा रहने वाले हैं
in it
فِيهَاۚ
उनमें
And that
وَذَٰلِكَ
और ये
(is the) reward
جَزَآءُ
बदला है
(of) the good-doers
ٱلْمُحْسِنِينَ
एहसान करने वालों का
Faathabahumu Allahu bima qaloo jannatin tajree min tahtiha alanharu khalideena feeha wathalika jazao almuhsineena (al-Māʾidah 5:85)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
फिर अल्लाह ने उनके इस कथन के कारण उन्हें ऐसे बाग़ प्रदान किए, जिनके नीचे नहरें बहती है, जिनमें वे सदैव रहेंगे। और यही सत्कर्मी लोगो का बदला है
English Sahih:
So Allah rewarded them for what they said with gardens [in Paradise] beneath which rivers flow, wherein they abide eternally. And that is the reward of doers of good. ([5] Al-Ma'idah : 85)